फाइबर ऑप्टिक्स क्या है, इसके लाभ व सीमाएं | What is Fiber Optics, its Advantages and Limits
इस आर्टिकल में फाइबर ऑप्टिक्स की जानकारी के साथ-साथ इसके लाभ और इसकी सीमाओं की जानकारी दी गयी है। फाइबर ऑप्टिक्स वह तकनीक है, जिसकी सहायता से प्रकाश का transmission पतले तंतु से होता है। ये तंतु पारदर्शी कांच (transparent glass) अथवा प्लास्टिक के बने होते हैं। यदि ये तंतु सीधे हों, तो प्रकाश ऊर्जा बहुत ही कम विनष्ट हो पाती है, लेकिन इनमें थोड़ा-सा भी मोड़ आ जाता है, तो प्रकाश ऊर्जा का क्षय होने लगता है,क्योंकि ऐसी स्थिति में प्रकाश का बिखराव हो जाता है । इस प्रणाली में सामान्यतया शीशे के तंतुओं का ही उपयोग किया जाता है, जिनका व्यास लगभग 120 माइक्रोमीटर होता है। प्रत्येक तंतु शीशों का बना एक कोर (core) होता है, जिसका व्यास 50 माइक्रोमीटर तथा उसके चारों ओर शीशे के क्लैड का निर्माण किया जाता है । इसकी मदद से पूर्ण आंतरिक परावर्तन (total internal reflection) के उपरान्त तंतु के कोर में प्रकाश का उपयोग किया जाता हैं कोर का अपवर्तनांक क्लैड की तुलना में अधिक होता है । यद्यपि क्लैडिंग में प्रकाश नहीं होता है, फिर भी यह तंतु का एक अनिवार्य भाग है। इसकी मदद से तंतु की सम्पूर्ण लम्बाई तक क्रांतिक कोण (critical angle) का मान सामान्य बना रहता है।
फाइबर ऑप्टिक्स के लाभ | Advantages of Fiber Optics
(i) पारम्पपिक तंतुओं की अपेक्षा प्रकाश तंतुओं का भार कम है (less weight)।
(ii) यह विद्युत चुम्बकीय प्रेरण, तड़ित, रेडियो संकेतों एवं अन्य सामान्य संकेतों के प्रतिरोधक की क्षमता रखता है।
(ii) यह विस्फोटक एवं ज्वलनशील वातावरण में भी नुकसान रहित है (Safe)।
(iv) इसमें विद्युत प्रवाह नहीं होने के कारण अनचाही सूचनाओं के संचरण पर अंकुश रहता है (Low noise)।
(v) इससे वीडियो सहित किसी भी प्रकार के आंकड़ों का संप्रेषण सम्भव है।
(vi) इसकी मूल कच्ची सामग्री अर्थात सिलिका (SiO2) की बहुतायत है।
(vii) इससे बिना किसी विशेष ऊर्जा क्षय के सूचनाओं का सम्प्रेषण सम्भव है।
(viii) इसका प्रयोग शरीर के आंतरिक अंगों के परीक्षण के लिये भी किया जा सकता है, जैसे-एंडोस्कोपी।
(ix) यह किसी भी प्रकार के स्पार्क से मुक्त है (Free from spark)।
(x) यह परस्पर वार्तालाप अथवा शोर से मुक्त है।
(xi) इसमें 25 गीगा बिट्स प्रति सैकण्ड क्षमता वाले 40 हजार टेलीफोनों को एक साथ ढोने की क्षमता है।
(xii) इससे बिना रिपीटर की मदद से 70 किलोमीटर तक की दूरी की सूचनाओं का सम्प्रेषण सम्भव है।
फाइबर ऑप्टिक्स की सीमाएँ | Limits of Fiber Optics
(i) प्रकाश स्रोत की मूर्छाना (modulation) एक निश्चित सीमा तक ही सम्भव है।
(ii) न्यून शक्ति स्रोतों के कारण दो प्रवर्धकों (amplifier) के बीच न्यून दूरी की आवश्यकता होती है।
(ii) मूल सामग्री के रूप में सिलिका का उपयोग होने के बावजूद इन पर तांबे की तार की अपेक्षा अधिक व्यय होता है।
(iv) तांबे की तार की अपेक्षा इन तंतुओं को जोड़ना कठिन होता है।